Tuesday, November 24, 2009
दुल्हन
तदबीर का खोटा है, मुक्कदर से लड़ा है
दुनिया उसे कहती है कि चालाक बड़ा है
खुद तीस का है, और दुल्हन साठ बरस की
गिरती हुयी दिवार के साये में खड़ा है
पापुलर मेरठी
गुंडा
अजब नहीं है जो तुका भी तीर हो जाए
फटे जो दूद तो फ़िर वो पनीर हो जाए
मवालियों को न देखा करो हिकारत से
न जाने कौन सा गुंडा वजीर हो जाए
पापुलर मेरठी
फटे जो दूद तो फ़िर वो पनीर हो जाए
मवालियों को न देखा करो हिकारत से
न जाने कौन सा गुंडा वजीर हो जाए
पापुलर मेरठी
Subscribe to:
Posts (Atom)